योजनाएँ (Projects)

तीर्थ सेवा न्यास आध्यात्मिक, सामाजिक एवं सेवा कार्यों के लिए समर्पित अनेक योजनाएँ संचालित कर रहा है।

तीर्थ स्थलों के विकास, गौसेवा, पर्यावरण संरक्षण, शिक्षा, स्वास्थ्य, समाज कल्याण और जल संरक्षण से जुड़े ये प्रोजेक्ट समाज में सकारात्मक बदलाव लाने के लिए प्रतिबद्ध हैं।

चल रही योजनाएँ (Ongoing Projects)

1. गौरी शंकर मंदिर गौशाला, हरिद्वार

हरिद्वार स्थित इस गौशाला में सैकड़ों लावारिस, बीमार एवं असहाय गौवंश की सेवा की जा रही है। यहां गौवंश के लिए चिकित्सा, आहार एवं आश्रय की उत्तम व्यवस्था है।

2. गुरु की रसोई, हरिद्वार

गुरु की रसोई में तीर्थ यात्रियों को मात्र ₹30 में भोजन दिया जाता है, जबकि गरीबों एवं साधु-संतों को निःशुल्क भोजन उपलब्ध कराया जाता है। यह सेवा किसी भी जरूरतमंद को भूखा न रहने देने के संकल्प के साथ निरंतर जारी है।

3. गरुड़ आश्रम, हरिद्वार

सैकड़ों वर्ष पुराने इस ऐतिहासिक आश्रम को तोड़कर नया निर्माण किया जा रहा है। चार मंजिला इस आधुनिक आश्रम में तीर्थ यात्रियों के ठहरने की उत्तम व्यवस्था होगी। निर्माण कार्य प्रगति पर है, जिसकी अनुमानित लागत ₹2 करोड़ है।

4. श्री सिद्ध हनुमान मंदिर, देहरादून

संरक्षक एवं महंत बाबा हठयोगी जी महाराज के निर्देशन में इस पवित्र धाम में नियमित भंडारा, प्रभु सेवा, आरती एवं अन्य धार्मिक अनुष्ठान होते रहते हैं। श्रद्धालुओं की सेवा एवं आध्यात्मिक उन्नति हेतु यह केंद्र कार्यरत है।

5. श्यामपुर गाँव (हरिद्वार) – तीर्थ विलेज

हरिद्वार से 7 किमी दूर स्थित श्यामपुर गाँव को तीर्थ विलेज के रूप में विकसित किया जा रहा है। इस योजना के अंतर्गत गाँव में आध्यात्मिक केंद्र, पर्यावरण संरक्षण कार्यक्रम, जल संरक्षण, स्वच्छता अभियान एवं ग्रामीण विकास के लिए विभिन्न प्रयास किए जा रहे हैं।

6. गंगा, यमुना एवं अन्य नदियों की स्वच्छता

गंगा, यमुना और अन्य नदियों के स्वच्छता अभियान के तहत नदी घाटों की सफाई, जल शुद्धिकरण, कचरा प्रबंधन, जल स्रोतों का पुनरुद्धार एवं जल संरक्षण पर कार्य किया जा रहा है।

7. वृक्षारोपण अभियान – एक करोड़ वृक्ष लगाने का लक्ष्य

पर्यावरण संरक्षण के तहत एक करोड़ वृक्षारोपण का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। इस अभियान में जैव विविधता संरक्षण, फलदार एवं औषधीय पौधों का रोपण, जलवायु संतुलन के लिए ग्रीन बेल्ट का निर्माण एवं पर्यावरण जागरूकता कार्यक्रम शामिल हैं।

भविष्य की योजनाएँ (Upcoming Projects)

1. तीर्थ महापीठ – 25 एकड़ भूमि पर आध्यात्मिक केंद्र

हरिद्वार में 25 एकड़ भूमि पर ‘तीर्थ महापीठ’ की स्थापना की योजना है। यह केंद्र एक वैदिक एवं योग प्रशिक्षण केंद्र, धर्मशाला, गौशाला, पर्यावरण अनुसंधान संस्थान और आध्यात्मिक साधना स्थल के रूप में विकसित किया जाएगा।

2. देशभर में 1008 यज्ञशालाओं का निर्माण

सनातन संस्कृति के उत्थान के लिए पूरे भारत में 1008 यज्ञशालाओं का निर्माण किया जाएगा, जहाँ निरंतर यज्ञ, हवन एवं वैदिक अनुष्ठान होंगे।

3. कौशल विकास केंद्रों की स्थापना

समाज को आत्मनिर्भर बनाने के लिए विभिन्न शहरों एवं गाँवों में कौशल विकास केंद्र स्थापित किए जाएंगे, जहाँ बेरोजगार युवाओं को तकनीकी शिक्षा, हस्तशिल्प, योग, कृषि, आयुर्वेद एवं अन्य व्यावसायिक प्रशिक्षण दिया जाएगा।

4. राष्ट्रीय स्तर पर गंगा एवं जल संरक्षण आंदोलन

गंगा, यमुना एवं अन्य नदियों को स्वच्छ और संरक्षित करने के लिए यह अभियान राष्ट्रीय स्तर पर विस्तारित किया जाएगा। इसमें जल स्रोतों की सुरक्षा, नदी पुनरुद्धार, वर्षा जल संचयन, पारंपरिक जल संरक्षण पद्धतियों का पुनर्जीवन शामिल रहेगा।

5. एक करोड़ वृक्षारोपण – भारत को हरित बनाने का संकल्प

इस अभियान को देशव्यापी स्तर पर फैलाया जाएगा, जहाँ विभिन्न राज्यों में संरक्षित वनों, पहाड़ी क्षेत्रों, नदी किनारों, शहरी और ग्रामीण इलाकों में वृक्षारोपण किया जाएगा।

योजना में भागीदारी (Be a Part of Our Mission)

तीर्थ सेवा न्यास समाज कल्याण के लिए समर्पित सभी सेवाभावी व्यक्तियों, संगठनों एवं श्रद्धालुओं को इन योजनाओं में भाग लेने के लिए आमंत्रित करता है।

दान (Donation)

आप हमारी योजनाओं के लिए वित्तीय सहयोग कर सकते हैं।

सेवा (Volunteering)

आप स्वयंसेवक बनकर विभिन्न सेवा कार्यों में भाग ले सकते हैं।

सामग्री सहयोग (Material Support)

निर्माण कार्य, भोजन वितरण, गौसेवा एवं अन्य योजनाओं के लिए सामग्री सहयोग प्रदान कर सकते हैं।

वृक्षारोपण एवं पर्यावरण संरक्षण

वृक्षारोपण, जल संरक्षण एवं अन्य पर्यावरणीय गतिविधियों में सहभागी बन सकते हैं।


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