विश्व सनातन महापीठ: हरिद्वार में सनातन संस्कृति का वैश्विक केंद्र

विश्व सनातन महापीठ: हरिद्वार में सनातन संस्कृति का वैश्विक केंद्र

Admin September 25, 2025 75 Views

हरिद्वार, उत्तराखंड में एक ऐसा महायोजना निर्माणाधीन है, जो केवल एक धार्मिक स्थल नहीं बल्कि सनातन संस्कृति का वैश्विक केंद्र बनने जा रहा है। इसे विश्व सनातन महापीठ कहा जाता है। इस महापीठ का उद्देश्य केवल पूजा और आराधना तक सीमित नहीं है, बल्कि यह धर्म, संस्कृति, शिक्षा और रोजगारपरक प्रशिक्षण का समग्र केंद्र होगा।

महापीठ का उद्देश्य

विश्व सनातन महापीठ का मुख्य उद्देश्य सनातन धर्म, वेद, योग, शास्त्र और संत परंपरा का प्रचार-प्रसार करना है। इसके माध्यम से युवा पीढ़ी को शास्त्र, शस्त्र, योग और रोजगारपरक शिक्षा दी जाएगी। यह महायज्ञ के रूप में धर्म, राष्ट्र और विश्वकल्याण के लिए समर्पित होगा।

महापीठ का एक और उद्देश्य भारत को विश्व स्तर पर धर्म और संस्कृति के क्षेत्र में अग्रणी बनाना है। यह एक ऐसा केंद्र होगा जहाँ दुनियाभर से श्रद्धालु, विद्वान और साधक मिलकर ज्ञान और साधना का आदान-प्रदान करेंगे।

महापीठ की विशेषताएँ

स्थान: हरिद्वार, उत्तराखंड

लागत: लगभग 1000 करोड़ रुपये

भूमि पूजन तिथि: 21 नवंबर 2025

उद्घाटन तिथि: 22 फरवरी 2029

संरक्षक: बाबा हठयोगी जी महाराज

अध्यक्ष: राम विशाल दास जी महाराज

महापीठ क्यों जरूरी है?

आज के आधुनिक जीवन में तकनीक और व्यस्त जीवन शैली के कारण धर्म, संस्कृति और नैतिक शिक्षा की जानकारी कम होती जा रही है।

विश्व सनातन महापीठ इस कमी को पूरा करने का प्रयास है। यहाँ पर युवा पीढ़ी को धर्म, संस्कार, योग और नैतिक शिक्षा के साथ-साथ रोजगारपरक प्रशिक्षण भी मिलेगा। इसके माध्यम से सनातन धर्म और भारतीय संस्कृति का प्रचार विश्व स्तर पर होगा।

यह महापीठ भारत को फिर से धर्म और संस्कृति का नेतृत्व करने वाला देश बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

महापीठ के लाभ

धार्मिक शिक्षा: सनातन धर्म और वेदों का अध्ययन और प्रचार।

युवा प्रशिक्षण: शास्त्र, शस्त्र, योग और रोजगारपरक शिक्षा।

सांस्कृतिक जागरूकता: भारतीय संस्कृति और संस्कार का वैश्विक प्रसार।

विश्व स्तर पर पहचान: भारत को धर्म और संस्कृति में वैश्विक नेता के रूप में प्रस्तुत करना।